पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को UP STF की टीम ने मेरठ में मार गिराया। अनिल दुजाना पर हत्या के 18 मामलों के साथ 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। वो पिछले महीने 10 अप्रैल को तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आया था। उसके ठीक 24 दिनों के बाद उत्तर प्रदेश के मेरठ में UP STF की टीम ने एक मुठभेड़ के दौरान उसे ढेर कर दिया।
UP पुलिस के मुताबिक़ तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अनिल दुजाना ने अपने ख़िलाफ गवाही देने वालों एक कारोबारी को धमकी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ दो मुकदमे दर्ज किए थे। पिछले कई दिनों से नौएडा पुलिस और यूपी STF की टीम अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान UP STF की टीम को अनिल दुजाना के मेरठ में होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने फौरन मेरठ और उसके आसपास के ज़िलों में नाकेबंदी कर चेकिंग शुरू कर दी।
उसके बाद एक सूचना के आधार पर UP STF की टीम ने उसे मेरठ के एक इलाक़े में घेर लिया। पुलिस के मुताबिक़ गैंगस्टर अनिल दुजाना सफेद रंग की एक कार में मौजूद था। जिससे वो बागपत से मुज़फ़्फ़रनगर की तरफ़ जा रहा था। लेकिन पुलिस की टीम को देखते ही उसने उनपर फ़ायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद UP STF की टीम ने भी जवाबी कार्रवाई की।
लगभग 15 से 20 राउंड फायर बदमाशों की तरफ़ से हुई। इसके बाद UP STF की टीम ने भी फ़ायरिंग की। पुलिस के मुताबिक़ मुठभेड़ में गोली लगने से अनिल दुजाना घायल हो गया। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसकी मौत हो गई। जिसके बाद तलाशी में पुलिस को उसकी कार से कई हथियार और बड़ी संख्या में गोलियां मिली।
पुलिस के मुताबिक़ अनिल दुजाना, दुजाना गांव का रहने वाला था। ये गाँव उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ज़िले की बादलपुर कोतवाली इलाक़े में आता है। जहाँ उसके ख़िलाफ़ कई केस दर्ज हैं। कुछ रोज पहले राज्य की तरफ़ से UP के टॉप 65 बदमाशों की लिस्ट जारी की गई थी। उस लिस्ट में अनिल दुजाना का नाम भी शामिल था। उस दौरान भी अनिल दुजाना फरार चल रहा था। दिल्ली समेत कई राज्यों में उसकी तलाश की जा रही थी।
गैंगस्टर अनिल दुजाना का आतंक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था। UP में उसपर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नौएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। उसपर 2002 में दिल्ली के पास गाजियाबाद में हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।