Russia: इतना ताकतवर और सुरक्षा होने के बाद भी कैसे पहुंचा ड्रोन, कई सवाल हुए खड़े

क्रेमलिन पर हमले के बाद रूस की सुरक्षा एजेंसी और एयर डिफेंस पर सवाल होने लगे हैं। सवाल है कि इतनी सुरक्षा होने के बाद भी पुतिन के ऑफिस तक ड्रेन कैसे पहुंच गए। क्या रूस के एयर डिफेंस सिस्टम नाकाम हो गए हैं?

इसे जरूर पढ़ें।

रूस के राष्ट्रपति भवन पर हुए हमले के बाद रूस के डिफ़ेंस सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए। क्योंकि भले ही इस हमले में पुतिन को कोई नुक़सान ना पहुँचा हो, लेकिन सवाल यही है कि आख़िर इतनी ज़्यादा सुरक्षित जगह पर ड्रोन कैसे पहुंच गया। यही वजह है कि रूसी डिफ़ेंस सिस्टम की ताक़त पर ही सवाल खड़े होने लगे। क्योंकि अगर रूस के डिफ़ेंस सिस्टम सही से काम कर रहे होते तो, वो ड्रोन राष्ट्रपति भवन तक कभी नहीं पहुँच पाता।

 क्रेमलिन पर ड्रोन से हमला
क्रेमलिन पर ड्रोन से हमला

रूस ने दावा किया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पुतिन की हत्या के लिए ड्रोन भेजा था। लेकिन उसे नाकाम कर दिया गया। अगर रूस के दावे में सच्चाई है तो सवाल उठता है कि यूक्रेन का ड्रोन इतनी दूरी तक मॉस्को के अंदर कैसे पहुंच गया। मॉस्को से यूक्रेन की सीमा की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है। इतनी दूरी तय करने के लिए किसी भी ड्रोन को वक़्त लगेगा।

जेलेंस्की पर ड्रोन से हमले का आरोप लगा है

अब, सवाल यही है कि अगर यूक्रेन का ड्रोन वहाँ से उड़कर मॉस्को तक पहुँचा तो रूसी डिफ़ेंस सिस्टम उसे क्यों नहीं पकड़ पाए। यही वजह है कि अब ये दावा किया जा रहा है कि रूस के डिफ़ेंस सिस्टम सही से काम नहीं कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही रूसी मीडिया में ऐसी ख़बरें सामने आई थीं कि यूक्रेन का एक ड्रोन मॉस्को की सीमा के पास एक जंगल में गिरा था। लेकिन अब राष्ट्रपति भवन तक ड्रोन की घुसपैठ कैसे हो गई रूसी सेना भी इसका जवाब तलाश रही होगी।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article