तिहाड़ जेल में 2 मई की सुबह हुई वारदात ने दिल्ली के अंडरवर्ल्ड को हिलाकर रख दिया। जेल में हुए हमले में टिल्लू ताजपुरिया नाम का बड़ा अपराधी मारा गया। तिहाड़ जेल में एक महीने में ये दूसरा मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर की हत्या कर दी गई। इससे पहले लॉरेंस विश्नोई गैंग के प्रिंस तेवतिया को मारा जा चुका है। लेकिन जब टिल्लू मारा गया तो इसके कनेक्शन अतीक़ अहमद से जुड़ गए। वो अतीक़ जिसकी हाल ही में पुलिस की मौजूदगी में हत्या कर दी गई थी। मतलब मारा तो टिल्लू गया लेकिन चर्चा अतीक़ की होने लगी। अतीक़ के मर्डर से टिल्लू के खात्मे का क्या कोई कनेक्शन है।
सुबह सुबह हाई सिक्योरिटी वाली इस जेल के अंदर ऐसा कांड हुआ कि सबके होश उड़ गए। वो इसलिए क्योंकि दिल्ली एनसीआर के बड़े गैंगस्टर में एक जितेंद्र गोगी के क़त्ल का मास्टरमाइंड बताया जाने वाला मारा जा चुका था। जिसका मर्डर हुआ वो कोई और नहीं बल्कि दिल्ली का कुख्यात टिल्लू ताजपुरिया था। तिहाड़ जेल से आई ये ख़बर जंगल में आग की तरह फैली। लेकिन इसी बीच अचानक एक और माफ़िया सरगना अतीक़ अहमद की चर्चा होने लगी। मतलब इधर टिल्लू की हत्या हुई और उधर अतीक़ भी सीन में आ गया। तो ऐसे में सवाल है कि आख़िर टिल्लू के क़त्ल में अतीक़ कहां से आ गया। वो तो पहले ही प्रयागराज में अपने भाई अशरफ़ के साथ मारा जा चुका था। लेकिन अतीक़ हत्याकांड में ही इन सवालों के जवाब भी छिपे हैं। यानी उस हत्याकांड से इस मर्डर का सीधा ताल्लुक है।
ये सबको पता है कि अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ को मारने में तुर्की की बेहद कीमती ज़िगाना पिस्तौल का इस्तेमाल हुआ था। इसी पिस्तौल से आरोपी शूटर सनी और उसके दो साथियों ने मिलकर अतीक़ और अशरफ़ को छलनी किया था। अब इसी ज़िगाना पिस्तौल से दिल्ली तक कड़ियां जुड़ गईं। सूत्रों के मुताबिक़ जितेंद्र गोगी ने शूटर सनी को ज़िगाना पिस्तौल दी थी। गोगी गैंग ही इस पिस्तौल का भारत में अकेला सप्लायर है। उसने ज़िगाना के अलावा 50 कारतूस भी सनी को दिए गए थे । साथ ही एक न्यूज चैनल की आईडी और कैमरा भी मुहैया कराया गया था
जितेंद्र गोगी का प्लान था कि हथियार और गोलियों के साथ सनी दिल्ली की एक कोर्ट में पत्रकार बनकर जाएगा और उसके दुश्मन का काम तमाम करेगा। माना जा रहा है कि टिल्लू ताजपुरिया को कोर्ट के अंदर सनी के ज़रिए मार गिराने की साज़िश रची गई थी। लेकिन इस प्लान को अंजाम देने से पहले ही जितेंद्र गोगी मारा गया। गोगी गैंग की कमान उसके क़रीबी गुर्गे रोहित मोई ने संभाल ली। जबकि तुर्की की बेशकीमती ज़िगाना पिस्तौल के साथ, कारतूस और बाक़ी का सामान सनी के पास रह गया था। बाद में इसी ज़िगाना पिस्तौल से अतीक़ और अशरफ को प्रयागराज में छलनी कर दिया गया था। मतलब जिस ज़िगाना से टिल्लू ताजपुरिया के क़त्ल का प्लान था, उसका इस्तेमाल अतीक़ के ख़ात्मे में किया गया। इसलिए टिल्लू ताजपुरिया के मारे जाने के बाद अतीक़ की भी चर्चा होने लगी।