15 अप्रैल को पुलिस की कस्टडी में जिस तरह से अतीक़ और उसके भाई अशरफ़ को मौत के घाट उतारा गया, उसके बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस का पूरा फोकस हत्याकांड की तह तक जाना है। इसलिए पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर लिया है। सूत्रों की माने तो पुलिस रिमांड में शूटर सनी बड़े बड़े राज़ से पर्दा हटा रहा है। पहले ही दिन पूछताछ में सनी ने जो बताया उसने पुलिस की पूरी थ्योरी को ही नया मोड़ दे दिया है।
पुलिस रिमांड में अतीक़ (ATIQ AHMAD) की हत्या के आरोपी बड़े बड़े राज़ पर्दा उठा रहे हैं। पुलिस कस्टडी में शूटर सनी ने कबूल किया है कि तीनों आरोपियों को दिल्ली (DELHI) के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्क से हथियार मिले थे। कानपुर का बाबर (BABAR) भी इसी गैंग से जुड़ा था। बाबर के जरिये ही ये लोग गोगी गैंग के संपर्क में आए थे।
जितेंद्र गोगी (JITENDRA GOGI) गिरोह इन तीनों से एनसीआर(DELHI NCR) में बड़ी वारदात करवाना चाहता था। इसकी वजह से ही जितेंद्र गोगी ने एनसीआर चैनल की आईडी, बड़ा कैमरा, आई कार्ड (ID CARD) इन्हें मुहैया कराया था। इससे पहले की गोगी उनसे एनसीआर में बड़ी वारदात को अंजामा दिलवा पाता, सितंबर 2022 को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी की हत्या कर दी गई।
हालांकि, पुलिस सूत्रों का ये भी कहना है कि ये तीनों लगातार बयान बदल रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP POLICE) इनके दावों को क्रॉसि वेरिफाई भी कर रही है। पूछताछ में तीनों का लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) से भी खास रिश्ता सामने आया है। अभी तक की पूछताछ में जो सामने आया है उसमें अतीक़ अहमद की हत्या के तीनों आरोपी लारेंस विश्नोई की तरह बनना चाहते थे। इन्होंने बताया कि अस्पताल में उनका मकसद सिर्फ अतीक़ और अशरफ़ को मौत के घाट उतारना था। उनका पुलिस पर गोली चलाने का कोई प्लैन नहीं था. इसलिए तीनों ने सरेंडर कर दिया था।
सनी सिंह के अपराध का कनेक्शन यूपी के कई जिलों से मिल रहा है। जालौन में भी सनी की क्राइम हिस्ट्री जुड़ी हुई है। साल 2019 में वो अपने एक साथी के साथ कार लूटकर भाग रहा था, इस दौरान उसकी कदौरा पुलिस से मुठभेड़ भी हुई थी।
बता दें कि तीनों आरोपी 12 अप्रैल को लखनऊ से बस से प्रयागराज (PRAYAGRAJ) पहुंचे थे। तीनों ही प्रयागराज के काल्विन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन (RAILWAY STATION) के सामने होटल में रुके थे। पहले 13 अप्रैल को ही कोर्ट में अतीक़ अशरफ़ को मारने का प्लान था, लेकिन उस समय इन्हें मौका नहीं मिला। इसके बाद 15 अप्रैल को दिन में इन्होंने काल्विन अस्पताल की रेकी की। दो नए मोबाइल खरीदे थे लेकिन सिमकार्ड के लिए फर्जी आईडी नहीं जुटा पाए। अतीक़ और अशरफ को गोली मारने के बाद डर पर काबू पाने के लिए तीनों ने जय श्री राम के नारे लगाए।
एसआईटी अब तीनों शीटरों के मददगारों पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। एसआईटी ने बांदा से 3 लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए तीनों आरोपी लवलेश तिवारी के दोस्त हैं, जिन्हें बांदा रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया गया है। ये तीनों आरोपी लवलेश को सोशल मीडिया के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रहे थे। इतना ही नहीं अपराध की दुनिया से तीनों शूटरों का पुराना नाता रहा है। अब पुलिस उनकी क्राइम कुंडली को खंगाल रही है।