कंगाल पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। पाकिस्तान में क़र्ज़ हासिल करने के लिए शहबाज़ सरकार कुछ भी करने को तैयार दिख रही है। बेतहाशा बढ़ती महंगाई से परेशान पाकिस्तान के लोगों पर अब शहबाज सरकार ने एक और मार दी है। IMF की शर्तों के सामने झुकते हुई पाकिस्तान की शहबाज़ सरकार ने बिजली के दामों में इज़ाफ़ा कर दिया है। पाकिस्तान की केंद्रीय कैबिनेट ने बिजली सब्सिडी ख़त्म कर दी। ये क़दम उन शर्तों में शामिल है जिसे IMF ने पाकिस्तानी सरकार के सामने रखा था।
IMF ने कर्ज देने के लिए तीन शर्तें रखी हैं। जिसे मानना पाकिस्तान सरकार के लिए नामूमकिन है। शहबाज सरकार अगर IMF की शर्तें मानीं तो महँगाई और बढ़ेगी। महँगाई से पहले ही लोग बेहाल हैं। ज़ाहिर है सब्सिडी ख़त्म करने का ये पहला फ़ैसला था लेकिन IMF ने जो तीन शर्तें रखी हैं, वो पाकिस्तान के लिए काफी ख़तरनाक हो सकता है। IMF की तीन शर्तों में टैक्स बढ़ाना, सब्सिडी ख़त्म करना, विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर खर्च नहीं करना शामिल है।
दरअसल, पाकिस्तान की कैबिनेट ने बिजली की दरों में इज़ाफ़े का जो प्लैन तैयार किया है उसके तहत पाकिस्तान की शहबाज़ सरकार चार तिमाही में धीरे धीरे करके बिजली की क़ीमतों में 7.91 रुपये की बढ़ोत्तरी करेगी। हालांकि, इस योजना को अभी IMF के सामने पेश किया जाना बाकी है। इस योजना के तहत उपभोक्ता आधार टैरिफ़ जून 2022 के 15.28 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर जून 2023 तक 23.39 रुपये प्रति यूनिट कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार ने मार्च 2023 से निर्यातकों को दी जाने वाली 65 अरब रुपये की सब्सिडी को समाप्त करने की भी मंज़ूरी दी है।
अगर पाकिस्तान आईएमएफ की सभी शर्तों को मानता है तो महंगाई की मार झेल रही पाकिस्तान की आवाम को करारा झटका लगना तय है। पहले ही पेट्रोल, डीज़ल, आटा और चिकेन के बाद दूध की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक लीटर दूध के लिए लोगों को 210 पाकिस्तानी रुपए देने पड़ रहे हैं जबकि चाय पत्ती 2,500 पाकिस्तानी रुपए प्रति किलो बिक रही है। आईएमएफ (IMF) से क़र्ज़ लेने के लिए पाकिस्तान सरकार ने एक झटके में पेट्रोल और डीज़ल के दाम में जबरदस्त इज़ाफा किया है। पेट्रोल के दाम जहां 22 रुपये 20 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ा दिए गए है। वहीं, डीज़ल के दाम 17 रुपये 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। महंगाई के बीच जनता का दिवाला सिर्फ पेट्रोल डीज़ल के बढ़े दामों से ही नहीं निकला बल्कि ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी ने गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कीमत में 113% की वृद्धि कर दी। पाकिस्तान सरकार ने गैस उपभोक्ताओं पर 310 अरब रुपये अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का फैसला किया है।