कंगाल पाकिस्तान की जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ी है। आईएमएफ (IMF) से क़र्ज़ लेने के लिए पाकिस्तान सरकार ने एक झटके में पेट्रोल और डीज़ल के दाम में जबरदस्त इज़ाफा किया है। पेट्रोल के दाम जहां 22 रुपये 20 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ा दिए गए है। वहीं, डीज़ल के दाम 17 रुपये 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। महंगाई के बीच जनता का दिवाला सिर्फ पेट्रोल डीज़ल के बढ़े दामों से ही नहीं निकला बल्कि ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी ने गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कीमत में 113% की वृद्धि कर दी। पाकिस्तान सरकार ने गैस उपभोक्ताओं पर 310 अरब रुपये अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का फैसला किया है।
पेट्रोलियम पदार्थों के दाम जैसे ही बढ़े पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को तो मानो सरकार को घेरने का मौका मिल गया, और इमरान ख़ान ने सरकार पर जबरदस्त निशाना साधा। पाकिस्तान की जनता खाने पीने की चीज़े महंगी होने से पहले ही परेशान है, ऐसे में पेट्रोल डीज़ल और गैस के दाम बढ़ने से पाकिस्तान में खाने पीने की चीजों के दाम और बढ़ेंगे। यानि IMF से कर्ज की उम्मीद में पाकिस्तान का दिवालिया होना तय है।
दिवालिया पाकिस्तान में राजनीतिक ड्रामेबाजी चरम पर है जहां विपक्ष सरकार को घेर रहा है तो वहीं सरकार इमरान सरकार में किए गए सरकारी ख़र्चे को इसके लिए जिम्मेदार बता रहा है। इस सियासी नूरा कुश्ती में पाकिस्तान की आवाम पिस रही है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री और PTI प्रमुख इमरान ख़ान ने पाकिस्तान की तुलना श्रीलंका से कर दी। इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान अभी वहीं है जहां कुछ दिनों पहले श्रीलंका था। इतना ही नहीं इमरान ख़ान ने तो यहां तक भविष्यवाणी कर दी आने वाले दिनों में पाकिस्तान की हालत और भी ज़्यादा बिगड़ेंगे।
इमरान खान यहीं नहीं रुके उन्होंने ने पाकिस्तान की तुलना कैंसरग्रस्त मरीज से करते हुए कहा कि इस मुल्क की हालत कैंसर से पीड़ित रोगी जैसी है। लेकिन जिसका इलाज डिस्पिरिन टैबलेट से किया जा रहा है। एक तरफ इमरान ख़ान पाकिस्तान की बेहाली के लिए वर्तमान सरकार को ज़िम्मेदार बता रही है तो वहीं सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान ख़ान ने घर से दफ़्तर आने में ही 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च कर दिए।